Thursday 7 February 2013

जागे आर्यावर्त, गर्त में जाय दुश्मनी-


Blog News: Aryawart के प्राचीन गौरव की वापसी का एक्शन प्लान ?

एकनिष्ठ हों कोशिशें, भाई-चारा शर्त |
भाग्योदय हो देश का, जागे आर्यावर्त |

जागे आर्यावर्त, गर्त में जाय दुश्मनी |
वह हिंसा-आमर्ष, ख़तम हों दुष्ट-अवगुनी |

संविधान ही धर्म, मर्ममय स्वर्ण-पृष्ठ हो |
हो चिंतन एकात्म, कोशिशें एकनिष्ठ हों ||


लक्ष्मण प्रसाद लाडीवाला  
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आई आई  के लिए, कुदरत का आईन |
दोनों की गोदी सुखद, कहते रहे जहीन |

कहते रहे जहीन, यहाँ आई  ले आई |
लेकिन आई मित्र, वहाँ निश्चय ले जाई |

इन्तजार दो छोड़, व्यवस्था करो ख़ुदाई |
ज्यों हर्षित आश्वस्त, देख त्यों हर्षित आई ||
आई=मौत / माता 


राजेश कुमारी 
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दादी दीदा में नमी, जमी गमी की बूँद |
देख कहानी मार्मिक, लेती आँखें मूँद |
लेती आँखें मूँद, व्यस्त दुनिया यह सारी |
कभी रही थी धूम, आज दिखती लाचारी |
लेकिन जलती ज्योति, ग़मों की हुई मुनादी |
लेता चेयर थाम, प्यार से बोले दादी ||

दो दिन बच्चन संग, चलो गुजरात गुजारें -

जा रे रोले दुष्ट-मन, जार जार दो बार ।
जरा-मरा कोई नहीं, दिखे जीव *इकतार ।

दिखे जीव *इकतार, पले हैं भले "गो-धरा" ।
जब उन्नत व्यापार, द्वंद-हथियार भोथरा ।

अव्वल है यह प्रांत, सही नीतियाँ सँवारे
दो दिन बच्चन संग, चलो गुजरात गुजारे ।।
*समान 

रिश्वत लिए वगैर...

 हृष्ट-पुष्ट रिश्वत रखे, बम बम रिश्वत खोर |
देते लेते निकलते, चन्दा चोंच चकोर |
चन्दा चोंच चकोर, चतुर चुटकियाँ बजाते |
काम निकलता देख, रोक खुद को ना पाते |
बढ़ता मध्य-प्रदेश,  अरब-पति नौकर पाए |
लेना देना सत्य, नहीं रविकर शरमाये ||

कार्टून :- आज चि‍नार में आग लगी है

बैंड बजा देगी खबर, असर प्रभावी होय |
नई पीढ़ियाँ तोड़ के, देंगी धर्म बिलोय |

देंगी धर्म बिलोय , अगर ऐसा ही होता |
आजादी ले छीन, पुरानी पद्धति ढोता |

करिए क्रमिक सुधार, राय अपनी दे जाओ |
लेकिन हरगिज नहीं, जोर अपना अजमाओ |

मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सगी बहन : भगवती शांता-5

 भाग-5
 रावण के क्षत्रप 

सोरठा

रास रंग उत्साह,  अवधपुरी में खुब जमा |
उत्सुक देखे राह, कनक महल सजकर खड़ा ||

चौरासी विस्तार, अवध नगर का कोस में |
अक्षय धन-भण्डार,  हृदय कोष सन्तोष धन |

पाँच  कोस विस्तार, कनक भवन के अष्ट कुञ्ज |
 इतने ही थे द्वार, वन-उपवन बारह सजे ||

शयन-केलि-श्रृंगार, भोजन-कुञ्ज-स्नान-कुञ्ज |
झूलन-कुञ्ज-बहार, अष्ट कुञ्ज में थे प्रमुख ||



6 comments:

  1. वाह गुरुदेव श्री बहुत खूब शानदार प्रस्तुति हार्दिक बधाई स्वीकारें.

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  2. बहुत२ शुक्रिया जी रविकर जी,आपकी रिश्वत मिल गयी,,

    RECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...

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  3. बेहतरीन सर जी ,"लिंक हुआ लिक्खाड़ से ,बदल गयी सब
    चाल,भाषा आड़ी तिरछी हुयी,कविता लिखे कमाल ..RECENT POST...Budhi Dadi ka aanchal

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  4. बहुत बढ़िया प्रस्तुति .

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  5. रास रंग उत्साह, अवधपुरी में खुब जमा |
    उत्सुक देखे राह, कनक महल सजकर खड़ा ||

    खूब

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