Wednesday 11 December 2013

ठुमरी पर ठुमके लगा, ख्याली पके पुलाव-



क्या करे कोई गालिब खयाल वो नहीं हैं अब

सुशील कुमार जोशी 

ठुमरी पर ठुमके लगा, ख्याली पके पुलाव |
राम राज्य आने लगा, बस इक और चुनाव |

बस इक और चुनाव, मुसल्लसल बस इमान है |
बे-इमान यह जगत, आप की बढ़ी शान है |

पानी बिजली मुफ्त, मुफ्त में कुरता चुनरी |
मुफ्त मिले आवास, मुफ्त में सुनिये ठुमरी |||


"आप" के पाप

ZEAL 
यह तो पक्की बात है, ले मुस्लिम का साथ । 
खा जाएगा हाथ को, फिर पकडे वह पाथ । 

फिर पकडे वह पाथ, रास्ता कम्युनिस्टी । 
मुस्लिम तुष्टिकरण, हिन्दु  प्रति टेढ़ी दृष्टी । 

खतरनाक यह व्यक्ति, हमें तो लगता बक्की । 
बना ढपोरी-शंख, बात है यह तो पक्की ॥ 


करिये कुछ तो पूर्ण, समर्थन भी तो आया -
भाया आना आपका, दिल्ली में उत्साह ।
लोकतंत्र को मिल गयी, सीधी सच्ची राह । 

सीधी सच्ची राह, हाथ की खुजली मेटे । 
वायदे किन्तु अनेक, आज भी धरे लपेटे । 

करिये कुछ तो पूर्ण, समर्थन भी तो आया । 
झट-पट सत्ता थाम, आज तक हमें लुभाया ॥ 

आपेक्षा अब आप, करो दिल्ली की पूरी-
  
नकारात्मक गुण छिपा, ले ईमान की आड़ । 
व्यवहारिकता की कमी, दुविधा रही बिगाड़ । 

दुविधा रही बिगाड़,  तर्क-अभिव्यक्ति जरुरी । 
आपेक्षा अब आप, करो दिल्ली की पूरी । 

पानी बिजली सहित, प्रशासन स्वच्छ सकारा । 
वायदे करिये पूर, अन्यथा कहूं नकारा ॥  

लेना देना साथ भी, लागे भ्रष्टाचार-
अड़ियल टट्टू आपका, अड़ा-खड़ा मझधार |
लेना देना साथ भी, लागे भ्रष्टाचार |

लागे भ्रष्टाचार, दीखने लगा *अड़ाड़ा |
भाड़ा पूरा पाय, पढ़ाये आज पहाड़ा |

ताके पूरा देश, हमेशा बेहतर दढ़ियल |
टस से मस ना होय, महत्वाकांक्षी अड़ियल ||
*आडम्बर, ढोंग

अपनापन नहिं आपसे, अपने से अपड़ाव |
आप आप की है पड़ी, जाने कहाँ जुड़ाव |

जाने कहाँ जुड़ाव, समर्थन जिनका पाया |
दिखा उन्हीं को दाँव, नहीं सरकार बनाया |

रविकर सपना टूट, शुरू है सतत कलपना |
लगे स्वार्थी आप, तोड़ते वायदा अपना ||

Untitled

ZEAL 
 ZEAL
 पूर तमन्ना हो गई, जीते आप चुनाव |
पर अट्ठाइस सीट से, होता नहीं अघाव |

होता नहीं अघाव, दाँव लम्बा मारेगा |
होगा पुन: चुनाव, आप सब को तारेगा |

आये सत्तर सीट, जुड़ेगा स्वर्णिम पन्ना |
सारी दुनिया साफ़, तभी हो पूर तमन्ना ||

करें इशारा आप, बैठ रेडी मधु-कोड़ा


कोड़ा की दरकार थी, दे कोड़ा फटकार |
आये सब औकात में, झाड़ू का आभार |

झाड़ू का आभार, कमल नैनों में गरदा |
पंजे की दरकार, हटा दे पीला परदा |

नहीं बने सरकार, भानुमति कुनबा जोड़ा |
करें इशारा आप, बैठ रेडी मधु-कोड़ा ||   


2 comments:

  1. sr --------- is link par / kuch aur photo hn -------- maene aaj hi is blog ko apne hath liya h ---------http://haikukipratibha.blogspot.in/2013/12/about-me.html?spref=bl

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